| 1. | रुधिर में यद कार्बोनिक अम्ल (
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| 2. | कृत्रिक रंजकों के निर्माण में भी कार्बोनिक अम्ल प्रयुक्त होता है।
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| 3. | कृत्रिक रंजकों के निर्माण में भी कार्बोनिक अम्ल प्रयुक्त होता है।
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| 4. | इसमें सामान्यत: कार्बोनिक अम्ल गैसयुक्त जल तथा अल्प मात्रा में नमक एवं अन्य खनिज लवणों का संमिश्रण होता है।
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| 5. | रुधिर में यद कार्बोनिक अम्ल (carbonic Acid) का आधिक्य रहे तो उससे निद्रालुता (drowsiness) या ऐंठन (Convulsions) हो सकती है।
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| 6. | “ (इस क्रिया में अस्थायी कार्बोनिक अम्ल का निर्माण होता है जो तुरन्त पानी और कार्बन डाईआक्साइड में टूत जाता है।)
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| 7. | (इस क्रिया में अस्थायी कार्बोनिक अम्ल का निर्माण होता है जो तुरन्त पानी और कार्बन डाईआक्साइड में टूत जाता है।
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| 8. | ध्रुवों की ओर समुद्री सतह पर, समुद्री जल अधिक ठंडा हो जाता है और अधिक कार्बोनिक अम्ल तैयार होता है चूंकि
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| 9. | इसी के विकल्प में यकृत में फट्टी असिड की रस प्रक्रिया आरंभ होता है और कार्बोनिक अम्ल इसका एक अतिरिक्त उत्पाद है.
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| 10. | रुधिर में यद कार्बोनिक अम्ल (carbonic Acid) का आधिक्य रहे तो उससे निद्रालुता (drowsiness) या ऐंठन (Convulsions) हो सकती है।
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